जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जुलाई-अगस्त माह में कोरोना का दूसरा दौर अधिक संकट पैदा कर सकता है। ऐसे में कोविड-19 महामारी की इस चुनौती को एक अवसर के रूप में बदलते हुए प्रदेश में जिला अस्पतालों से लेकर सब सेंटर तक मजबूत हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए, ताकि गांव के लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए शहर तक नहीं आना पड़े। उन्होंने कहा कि विधायकों से इस संबंध में सुझाव लेकर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप चिकित्सा सुविधाएं विकसित की जाएं।
बच्चों के टीकाकरण में नहीं रहे कोई कमी मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में बच्चों के टीकाकरण अभियान में किसी तरह की कमी नहीं रहे। प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। लॉकडाउन अथवा कोरोना महामारी की वजह से आमजन को असाध्य एवं अन्य सामान्य बीमारियों के उपचार को लेकर किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
राजस्थान की स्थिति बेहतर अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर राजस्थान की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है। यहां पिछले 6 दिनों में एक्टिव केसेज की संख्या स्थिर है और रिकवरी रेट बढ़ी है। इसी तरह विगत 3 दिन में प्रवासी लोगों, ग्रामीण क्षेत्र सहित सभी तरह के पॉजिटिव केसेज की संख्या घटी है। साथ ही शहरी इलाकों में कर्फ्यू क्षेत्रों की संख्या में कमी आई है।
श्रमिकों के लिए खास प्लान प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार ने बताया कि प्रदेश में श्रमिकों को सुगमता से रोजगार मिल सके एवं उद्योगों के लिए श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके, इसके लिए प्रदेश में सोमवार से 'राज कौशल राजस्थान एम्पलॉयमेंट एक्सचेंज' का शुभारंभ होगा।
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