पलवल | जिला परिषद में 5 वर्ष पूर्व किए गए आरक्षित वार्ड को अब परिसीमन उपरांत पुनः आरक्षित किए जाने पर सुरेंद्र तवर दीघोट ने कड़ी आपत्ति जताई है
वार्ड नंबर 13 आरक्षित वार्ड को लेकर वहां प्रशासन से वो मिले भी लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने पर सुरेंद्र तवर ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है
सुरेंद्र तंवर ने बताया कि हरियाणा व पंजाब उच्च न्यायालय ने 2008 में एक अधिसूचना जारी की जिसके अनुसार जो वार्ड या पंचायत एक बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है उसे बदलना पड़ेगा लेकिन जब जिला परिषद के वार्डों के ड्रा निकाले जा रहे थे तो अतिरिक्त जिला उपायुक्त ने बताया कि 2011 में वार्डों का परिसीमन हुआ जो हर 10 वर्ष में होता है अगला परिसीमन 2021 में होगा परिसीमन 2011 के अनुसार जिन 5 वार्डों में अनुसूचित जाति की वोट ऑफ परसेंटेज अधिक है उन वार्डों को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है जिसमें वार्ड नंबर 1 और 13 महिला अनुसूचित जाति तथा वार्ड नंबर 18, 20 और 21 पुरष अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित किये गये
जो की नियमों की अवहेलना करके बनाए गये हैं
सुरेंद्र तवर ने कहा कि वार्ड नंबर 13 के साथ यह भेदभाव नहीं होने दूंगा ।
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